वो नन्ही चिड़िया खोज रही है ठिकाना की एक पेंड था कहीं जहाँ उसने सीखी थी वो अपने उड़ान की तालिम कैसे वह अपने नन्हे नन्हे पर से नन्हे नन्हे कदमों से फुदक फुदक नापी थी अपनी दुनिया को अब नहीं है वो दुनिया वहाँ जहाँ खुसबू थी मिट्टी की, हरियाली की उम्मीद की , प्रकृति की अब नहीं है , अब नहीं है #मकानोंकेजंगल #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #रूप_की_गलियाँ #rs_rupendra05 #चिड़ियाउड़गई #yourquote