हल्की- फुल्की मन्द पवन का एहसास मन्द मुस्कान की मिठास मन्द मन्द बहती जलधारा और मन्द सी चमेली की गुफ्तगू वह हल्की सी नोंक- झोंक कभी नाज़ुक स्पर्श उन सांसों की गर्माहट का वह धीमी आंच पर सिका भर्ता कभी गिलहरियों का पुकारना गति की परवाह न कर ए दोस्त भगा मत अपनी सोच।। #yqdidi #yqbaba #besthindiyqquotes