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नौकरी की तलब लेकर आया था मैं शहर में, मगर आज इंसाफ

नौकरी की तलब लेकर आया था मैं शहर में,
मगर आज इंसाफ की उम्मीद लिए बैठा हूं,

ओर नॉर्मलाईजेशन के खिलवाड़ के चक्कर में,
60+ नंबर लाकर भी लिस्ट से बाहर हुए बैठा हूं,

ओर रेस हमने बहुत पहले ही शुरू कर दी थी यार,
मगर अब खुद को कमरे में बंद किए बैठा हूं,

ओर अब पढ़ने से तो दिल बिल्कुल उकता गया है,
मगर फिर भी कुछ किताबें सामने रखे बैठा हूं,

कहीं गलती से घरवालों का फोन आ गया तो क्या जवाब दूंगा,
में खुद अपने ही सवाल से डरे हुए बैठा हूं,

और उम्मीदें बहुत लोगों की टूटी हैं मेरे साथ यार,
इसलिए में अपना फोन स्विच ऑफ किए बैठा हूं,

गर इंसाफ मिल गया तो जल्द ही घर जाऊंगा मिलने,
इस उम्मीद में मैं अपना बैग पैक किए बैठा हूं,

और किस्मत हमारी इतनी बुरी भी नही की जो इंसाफ न मिले,
बस अब इसी जुम्ले की आखिरी उम्मीद लिए बैठा हूं।
Haryana Police aspirants को समर्पित
✍️✍️ अजीम खान ✍️✍️

©AJEEM KHAN #HSSC #नोकरी 

#ZulmKabTak
नौकरी की तलब लेकर आया था मैं शहर में,
मगर आज इंसाफ की उम्मीद लिए बैठा हूं,

ओर नॉर्मलाईजेशन के खिलवाड़ के चक्कर में,
60+ नंबर लाकर भी लिस्ट से बाहर हुए बैठा हूं,

ओर रेस हमने बहुत पहले ही शुरू कर दी थी यार,
मगर अब खुद को कमरे में बंद किए बैठा हूं,

ओर अब पढ़ने से तो दिल बिल्कुल उकता गया है,
मगर फिर भी कुछ किताबें सामने रखे बैठा हूं,

कहीं गलती से घरवालों का फोन आ गया तो क्या जवाब दूंगा,
में खुद अपने ही सवाल से डरे हुए बैठा हूं,

और उम्मीदें बहुत लोगों की टूटी हैं मेरे साथ यार,
इसलिए में अपना फोन स्विच ऑफ किए बैठा हूं,

गर इंसाफ मिल गया तो जल्द ही घर जाऊंगा मिलने,
इस उम्मीद में मैं अपना बैग पैक किए बैठा हूं,

और किस्मत हमारी इतनी बुरी भी नही की जो इंसाफ न मिले,
बस अब इसी जुम्ले की आखिरी उम्मीद लिए बैठा हूं।
Haryana Police aspirants को समर्पित
✍️✍️ अजीम खान ✍️✍️

©AJEEM KHAN #HSSC #नोकरी 

#ZulmKabTak