हमने अंजाने में ऐसे सक्श से इश्क ए मोहब्बत की जिसका अपना ना कोई अल्ताफ़ था ना कोई माहताब था हम भी इतने पागल है समझा भी तब जब कायनात हमसे जीत गई और यकीन न उन तक पोहचाते पोहचाते ए खबर वो किसी और के हो चुके थे गीला भी किस तरह करू एक तन्हाई की तमन्ना थी की समंदर को पानी की प्यास लगे ©Khushbu mavar #BengalBurning Asgar Ali Warsi kuwal 7754005958