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शायरी लिखकर भी न मिली जब तसल्ली दिल को फिर यूं

शायरी लिखकर भी न  मिली जब तसल्ली दिल  को 

फिर यूंँ हुआ कि हमने कलम का ही सर कलम कर डाला...

 #दर_बदर

©Raushan sonit
  #walkingalone