अफ़सुर्दा देख तुमको मेरा दिल सोचता "पाठक"। अदम होकर ही दुनिया में अदीब हुआ जाता है। अज़ल से देखते आए हुक़ूमत अश्क़िया हाक़िम। अस्ली असर तो बस दुआओं का ही हो पाता है। #उर्दुकीपाठशाला #अफ़सुर्दा #पाठकपुराण #येरंगचाहतोंके प्रथम प्रयास---- अदम- अस्तित्व अदीब- विद्वान अज़ल - चिरकाल से अश्क़िया- निर्दयी