विधि का लिखा विधान है सोच में उसके तेरा ही नुकसान है माटी से शुरू और राख से लिखा श्मशान है तिलक है वो उसका माथे पर विराजमान है किसी की ज़िंदगी का अंत है वो और किसी के लिए बना तिलिस्मी पहचान है ।।। ॐ नम: शिवाय ©Ravinder Sharma #bhole #bholenath #poetryunplugged #shiv #shiva #shayari #mahadev #mahkal