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अर्ज़ है.... ज़िंदा हूं मैं, ये याद दिलाते रहूंगी

अर्ज़ है....

ज़िंदा हूं मैं, ये याद दिलाते रहूंगी हूं मैं उनकी, ये एहसास कराते रहूंगी

सितम चाहे वो कर लें बेहिसाब मगर मैं उनसे मोहब्बत निभाते रहूंगी

भूले से भी, भूलने ना दूंगी ज़ख़्म कुरेदकर उन्हें दिखाते रहूंगी

लौट कर ना जाऊँगी, पास उनके मगर ख़्वाब में उन्हें बुलाते रहूंगी

पड़ जाये चाहे तस्वीरों में धूल मगर यादों उन्हें सजाते

©Kanchan Agrahari
  #sadak  Anshu writer - @Hardik Mahajan ghost is the host Neelam Modanwal .. @_सुहाना सफर_@꧁ঔৣMukeshঔৣ꧂RJ09