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मुझे लिखनी हैं बेसुमार कविता,कहानी,नज़्म चाय की चु

मुझे लिखनी हैं
बेसुमार कविता,कहानी,नज़्म 
चाय की चुस्की लेते
सुबह की धूप ओढ़ते हुए
शाम तलक बिना थके हुए
मुझें लिखनी हैं

मुझें पढ़नी हैं 
बहुत सारी किताबें,ग़ज़ल,नज़्म
रिमझिम बरसती बरसात के साथ
टहलते चाँद के साथ
बिना रुके पो फटते सहर के साथ
मुझें पढ़नी हैं

मुझें लौट जानी है 
जैसे लौट आती हैं
जलती जेठ के बाद रिमझिम बरसात
जैसे पतझड़ के बाद बसंत
मुझें भी जुदा करना है
जैसे पुराने पते को छोड़ देते हैं पेड़
मुझे भी छोड़ जाना हैं
🍁राकेश तिवारी🍁 Hello Resties! ❤️ 

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मुझे लिखनी हैं
बेसुमार कविता,कहानी,नज़्म 
चाय की चुस्की लेते
सुबह की धूप ओढ़ते हुए
शाम तलक बिना थके हुए
मुझें लिखनी हैं

मुझें पढ़नी हैं 
बहुत सारी किताबें,ग़ज़ल,नज़्म
रिमझिम बरसती बरसात के साथ
टहलते चाँद के साथ
बिना रुके पो फटते सहर के साथ
मुझें पढ़नी हैं

मुझें लौट जानी है 
जैसे लौट आती हैं
जलती जेठ के बाद रिमझिम बरसात
जैसे पतझड़ के बाद बसंत
मुझें भी जुदा करना है
जैसे पुराने पते को छोड़ देते हैं पेड़
मुझे भी छोड़ जाना हैं
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