वक्त भी कैसी पहेली दे गया, उलझने सौ, जिन्दगी अकेली दे गया ।। क्या खूब लिखा है किसी ने - जब से सभी के अलग अलग मकान हो गए, पूरा बचपन साथ बिताने वाले भाई भी, आज एक दूसरे के मेहमान हो गए ।। #Main_akeli #nojotoshayri#wirh#Badri😉