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कोरा काग़ज़ की भाँति, था मेरा जीवन..! प्रभु की आस्थ

 कोरा काग़ज़ की भाँति,
था मेरा जीवन..!
प्रभु की आस्था से रंगा,
इंद्रायुध सा ये मन..!
मिल जाना है ख़ाक में,
जब सभी का तन..!
क्या रंग रूप का भेद,
करना यूँ आजीवन..!

©SHIVA KANT
  #Love #korakaghaz

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