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जिगर का टुकड़ा जिगर का टुकड़ा

जिगर का टुकड़ा जिगर का टुकड़ा तुम्हें नौ माह कोख में रखा,दुनियां में तुम आए। 
बढ़ती जा रही उम्र में,फिर नई स्फूर्ति लाए।
 पतझड़ वाली ज़िन्दगी में,बसंत बनके चलना। 
तुम जिगर के टुकड़े हो,संग मेरे ही रहना।।

©Satish Kumar Meena
  जिगर का टुकड़ा

जिगर का टुकड़ा #कोट्स

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