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मिला हूँ ख़ाक में ऊँची मगर औकात रखी है, तुम्हारी ब

मिला हूँ ख़ाक में ऊँची मगर औकात रखी है,

तुम्हारी बात थी आखिर तुम्हारी बात रखी है,

भले ही पेट की खातिर कहीं दिन बेच आया हूँ ,

तुम्हारी याद की खातिर भी पूरी रात रखी है।

Prem ki diary se good evening friend
मिला हूँ ख़ाक में ऊँची मगर औकात रखी है,

तुम्हारी बात थी आखिर तुम्हारी बात रखी है,

भले ही पेट की खातिर कहीं दिन बेच आया हूँ ,

तुम्हारी याद की खातिर भी पूरी रात रखी है।

Prem ki diary se good evening friend
premkumar7408

Prem Kumar

New Creator