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पहाड़ी के पीछे बना पुल खुद में कितनी यादें समेटे है

पहाड़ी के पीछे बना पुल खुद में कितनी यादें समेटे है...
अपने जर्जर होते अंतिम दिनों में कितने रिश्तों की अंतिम साँसे पकड़े है...
इसके नीचे बहती नदी हमको उनसे जोड़ती थी..
इसके ऊपर से आई गली उनको हमपर मोड़ती थी..
इस पुल से होकर ही ईद की सेवई हम तक आती थी...
और अपनी खाली थाली में मंदिर का प्रसाद ले जाती थी...
इस पुल पर से होकर ही गुजरती थी कि शहनाइयाँ..
इस पार की राखी से सजती थी दूजे पार कलाइयाँ...

टूट गया पुल अब बारूदों के विस्फोटों में..
हर गई पीड़ा दिलों में यादों के अवशेषों में...

चलो अमन की आस जगाये..
एक विश्व एक राष्ट्र् बनाएं...






 #yqbaba
#notenough 
#indopak 
#पुल 
#collab
पहाड़ी के पीछे बना पुल खुद में कितनी यादें समेटे है...
अपने जर्जर होते अंतिम दिनों में कितने रिश्तों की अंतिम साँसे पकड़े है...
इसके नीचे बहती नदी हमको उनसे जोड़ती थी..
इसके ऊपर से आई गली उनको हमपर मोड़ती थी..
इस पुल से होकर ही ईद की सेवई हम तक आती थी...
और अपनी खाली थाली में मंदिर का प्रसाद ले जाती थी...
इस पुल पर से होकर ही गुजरती थी कि शहनाइयाँ..
इस पार की राखी से सजती थी दूजे पार कलाइयाँ...

टूट गया पुल अब बारूदों के विस्फोटों में..
हर गई पीड़ा दिलों में यादों के अवशेषों में...

चलो अमन की आस जगाये..
एक विश्व एक राष्ट्र् बनाएं...






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