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अपने चेहरे से जो ज़ाहिर है छुपायें कैसे तेरी मर्ज

अपने चेहरे से जो ज़ाहिर है छुपायें कैसे 
तेरी मर्ज़ी के मुताबिक नज़र आयें कैसे!

घर सजाने का तस्सवुर तो बहुत बाद का है 
पहले ये तय हो कि इस घर को बचायें कैसे!

क़हक़हा आँख का बरताव बदल देता है 
हँसनेवाले तुझे आँसू नज़र आयें कैसे!

कोई अपनी ही नज़र से तो हमें देखेगा 
एक क़तरे को समुन्दर नज़र आयें कैसे!

वसीम बरेलवी by.. अपने चेहरे से जो ज़ाहिर है छुपायें कैसे 
तेरी मर्ज़ी के मुताबिक नज़र आयें कैसे!

घर सजाने का तस्सवुर तो बहुत बाद का है 
पहले ये तय हो कि इस घर को बचायें कैसे!

क़हक़हा आँख का बरताव बदल देता है 
हँसनेवाले तुझे आँसू नज़र आयें कैसे!
अपने चेहरे से जो ज़ाहिर है छुपायें कैसे 
तेरी मर्ज़ी के मुताबिक नज़र आयें कैसे!

घर सजाने का तस्सवुर तो बहुत बाद का है 
पहले ये तय हो कि इस घर को बचायें कैसे!

क़हक़हा आँख का बरताव बदल देता है 
हँसनेवाले तुझे आँसू नज़र आयें कैसे!

कोई अपनी ही नज़र से तो हमें देखेगा 
एक क़तरे को समुन्दर नज़र आयें कैसे!

वसीम बरेलवी by.. अपने चेहरे से जो ज़ाहिर है छुपायें कैसे 
तेरी मर्ज़ी के मुताबिक नज़र आयें कैसे!

घर सजाने का तस्सवुर तो बहुत बाद का है 
पहले ये तय हो कि इस घर को बचायें कैसे!

क़हक़हा आँख का बरताव बदल देता है 
हँसनेवाले तुझे आँसू नज़र आयें कैसे!

अपने चेहरे से जो ज़ाहिर है छुपायें कैसे तेरी मर्ज़ी के मुताबिक नज़र आयें कैसे! घर सजाने का तस्सवुर तो बहुत बाद का है पहले ये तय हो कि इस घर को बचायें कैसे! क़हक़हा आँख का बरताव बदल देता है हँसनेवाले तुझे आँसू नज़र आयें कैसे!