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प्रातः काल में देख गगन को, अधिक अधीर हुआ विकल मन।

प्रातः काल में देख गगन को,
अधिक अधीर हुआ विकल मन।
श्वेत मेघ आच्छादित नभ पर,
मलय बयार से पुलकित है तन।
तुरत पड़ी तनु बूँद धरा पर,
चहुँ ओर उड़ी महक अनूपम,
देख अत्यंत छँटा मनोहर,
सुंदर है धरती का यौवन।
देख विरह पत्तों-शाखों का,
अश्रु शून्य हो गए नयन में,
हार गए अब ध्वस्त हो गया,
दो दिन का सपनों का जीवन।। #nojotohindi #nojotokavita #nojoto #adhurikavita
प्रातः काल में देख गगन को,
अधिक अधीर हुआ विकल मन।
श्वेत मेघ आच्छादित नभ पर,
मलय बयार से पुलकित है तन।
तुरत पड़ी तनु बूँद धरा पर,
चहुँ ओर उड़ी महक अनूपम,
देख अत्यंत छँटा मनोहर,
सुंदर है धरती का यौवन।
देख विरह पत्तों-शाखों का,
अश्रु शून्य हो गए नयन में,
हार गए अब ध्वस्त हो गया,
दो दिन का सपनों का जीवन।। #nojotohindi #nojotokavita #nojoto #adhurikavita
sanu7233911295746

सानू

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