Nojoto: Largest Storytelling Platform

थम गई सांसें सभी,थमी चांदनी-रात कौलाहल मानों पूर्ण

थम गई सांसें सभी,थमी चांदनी-रात
कौलाहल मानों पूर्ण हूआ,आई आमावस काली-रात।
सन्नाटे में किट-फिट करती, चंचल हवा और पत्तियों का साथ।
पक्षियां भी शांत हो चली, मानों जगी कोई अलोकिक बात
उठी कहानी घर-घर , सिमटे सभी बिस्तर पर

भावों और डर का थोड़ा, चुस्की लेती चहल-पहल

©Manmohan SK अमावस् की काली रात!
(नोट;लय को बांधे रखें पढ़ते समय मज़ा आ जाएगा।)#poetry 
#Amawas
थम गई सांसें सभी,थमी चांदनी-रात
कौलाहल मानों पूर्ण हूआ,आई आमावस काली-रात।
सन्नाटे में किट-फिट करती, चंचल हवा और पत्तियों का साथ।
पक्षियां भी शांत हो चली, मानों जगी कोई अलोकिक बात
उठी कहानी घर-घर , सिमटे सभी बिस्तर पर

भावों और डर का थोड़ा, चुस्की लेती चहल-पहल

©Manmohan SK अमावस् की काली रात!
(नोट;लय को बांधे रखें पढ़ते समय मज़ा आ जाएगा।)#poetry 
#Amawas
manmohansk3297

Manmohan SK

New Creator