Nojoto: Largest Storytelling Platform

बाहर काम पर जाती हुई स्त्री के भीतर बसता है एक घर.

बाहर काम पर जाती हुई स्त्री के भीतर बसता है एक घर. निकल तो जाती है सुबह की हड़बड़ी में पर आंखें झांकती रहती हैं खुद के मन की खिड़की...अाई ने बच्चे को समय पर शीशी दी तो होगी न...जाने इनकी जुराबें कहां रख छोड़ी हैं...जल्दी में अपना लंच भूल अाई तो मौक़ा मिल गया पूरी खिड़की खोलकर उसमें देखने का...
बाहर जाती हुई स्त्री बहाव जीती है...समय चलती है. मगर बंद रहती है अक्सर. #yqbaba #yqdidi #bestofyourquotes #स्त्री #खिड़की  #4/365 #365days365quotes 
#365r_abhi कृपया इस टैग का प्रयोग न करें.
बाहर काम पर जाती हुई स्त्री के भीतर बसता है एक घर. निकल तो जाती है सुबह की हड़बड़ी में पर आंखें झांकती रहती हैं खुद के मन की खिड़की...अाई ने बच्चे को समय पर शीशी दी तो होगी न...जाने इनकी जुराबें कहां रख छोड़ी हैं...जल्दी में अपना लंच भूल अाई तो मौक़ा मिल गया पूरी खिड़की खोलकर उसमें देखने का...
बाहर जाती हुई स्त्री बहाव जीती है...समय चलती है. मगर बंद रहती है अक्सर. #yqbaba #yqdidi #bestofyourquotes #स्त्री #खिड़की  #4/365 #365days365quotes 
#365r_abhi कृपया इस टैग का प्रयोग न करें.