कोन आता है यहां जिंदगी बिताने के लिए,, पल दो पल के मुसाफ़िर है इस जहां के लिए,, कोई एहतिराम(सम्मान)हैं तो नवाज़ दो, रंग मंच के कलाकार है इस जहां के लिए, अगर हो गई कोई गुस्ताख़ी, तो मज़ारत(माफ)करना, नही आयेंगे हम दुबारा तुम्हारे लिए, ओर एक फ़ितूर होता हैं जिंदगी जीने का, लोग रखते हैं राब्ता ख़ुद खुशी के लिए,, पल दो पल के मुसाफ़िर हैं इस जहां के लिए,, ©Akash Surya آکاش سوریا #शायरी #जिंदगी