White बंद पेटियों में दिल्ली की सत्ता (कविता) बंद पेटियों में दिल्ली की सत्ता, रंगीन तख्तों पर चढ़ी सत्ता की ध्वजा। झूमते हैं भीतर, लाखों सपने, फूलों के बगीचे और मन के किले। संगीन शोर में, एक चुप्पी छुपी, नकली मुस्कानें और ताज के बूट। कुछ हाथ फैलते हैं, कुछ हाथ कटते, बंद पेटियों में ही घुटते हैं अनकहे मुद्दे। कभी ये पेटियां होती थीं खाली, अब यहां हैं दस्तावेज़, फैसलों की धारा। हर शब्द में घुलती है राजनीति की स्याही, हर दस्तखत में सिमटती है उम्मीदों की बाज़ी। आओ, खोलें इन बंद पेटियों को, सत्य की रोशनी से इन्हें उजागर करें। ताकि दिल्ली की सत्ता में, हर दिल की आवाज़ फिर से गूंजे। ©Balwant Mehta #election2024