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vinit मेरी देहलीज से होकर बहारें जब गुजरती है यहा

मेरी देहलीज से होकर बहारें जब गुजरती है यहां क्या धूप क्या सावन हवाएं भी परस्ती हमें पूछो क्या होता है बिना दिल के जिए जाना बहुत आई गई यादें मगर इस बार तुम ही आना इरादे फिर से जाने कि नहीं
#Jitnidafa

मेरी देहलीज से होकर बहारें जब गुजरती है यहां क्या धूप क्या सावन हवाएं भी परस्ती हमें पूछो क्या होता है बिना दिल के जिए जाना बहुत आई गई यादें मगर इस बार तुम ही आना इरादे फिर से जाने कि नहीं #Jitnidafa

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