समस्त चराचर जगत की एक कार्य संचालन की व्यवस्था अचूक है इसके विपरीत मनुष्य के जीवन में टकराव और अशांति है जिस अनुपात में मनुष्य ने प्राकृतिक की अवहेलना की है और उस से दूरी बनाई है उस अनुपात में उसने अपने आचरण में सरलता को खो दिया अपने अंतरण आत्मीय जनों तथा अन्य जीवों से तालमेल नहीं बैठने पर मनुष्य चिंता आशंका और कुंठा से ग्रस्त हो जाता है ईश्वर की सर्व साधना संपन्न योजना में मनुष्य उन्मुक्त चिंता रहित पर चित्र जिनके निर्मित है तभी वह अपनी क्षमताओं का अधिकतम प्रयोग करेगा और समाज को अपना स्वागतम दे पाएगा ©Ek villain #KapilSharma हैप्पी बर्थडे कपिल शर्मा