****फ़रवरी के इश्क पर**** इश्क ना कभी तारीख वारो का मोहताज रहा है इश्क तो इश्क है ये बेपरवाह हर बार हुआ है तुम को बेशक खास लगती होगी ये फरवरी मगर फरवरी सा भी इश्क सावन में बहुत बार हुआ है जून की गर्मी में मैंने इश्क को पसीने में देखा है मैंने इश्क को पनपते हर एक महीने में देखा है पतझड़ में भी इश्क के पत्तो को शाखो पर देखा है मैंने इश्क को सुलगते दिसंबर की रातों में देखा है आपका मित्र धीरज कुमार (09/02/2020) poetdheer@twitter #poem #valentine #love Somu wrrittes❤️