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#किन्नर/ shemale समाज़ में मेरा होना या न हो

#किन्नर/ shemale 




समाज़ में मेरा होना
 या
 न होना बराबर माना जाता है 
क्योंकि लोग सोचते हे की
 हम उस इस्वर का न्याय हे 
जो " हाय हाय " करना हमें उसने दिया 
 इस समाज ने और कुछ करने का अधिकर 
दिया ही नहीं एसा क्यो हे ... ?
 
" हमारा जन्म दुविद्या सा 
इस समाज के लिए हमारा
 अस्तित्व अदा सा !
  हम नही उस अल्ला की भूल 
क्यों नही करते तुम हे काबुल "

जोभी हे अधिकार वो अधिकार हमारा हे 
फिर क्यो हमें धुतकार हे  ! #shemale 

किन्नर/ shemale 

समाज़ में मेरा होना या न होना बराबर माना जाता है क्योंकि लोग सोचते हे की हम उस इस्वर का न्याय हे जो " हाय हाय " करना हमें उसने दिया  इस समाज ने और कुछ करने का अधिकर दिया ही नहीं एसा क्यो हे ... ?
 
" हमारा जन्म दुविद्या सा 
इस समाज के लिए हमारा
#किन्नर/ shemale 




समाज़ में मेरा होना
 या
 न होना बराबर माना जाता है 
क्योंकि लोग सोचते हे की
 हम उस इस्वर का न्याय हे 
जो " हाय हाय " करना हमें उसने दिया 
 इस समाज ने और कुछ करने का अधिकर 
दिया ही नहीं एसा क्यो हे ... ?
 
" हमारा जन्म दुविद्या सा 
इस समाज के लिए हमारा
 अस्तित्व अदा सा !
  हम नही उस अल्ला की भूल 
क्यों नही करते तुम हे काबुल "

जोभी हे अधिकार वो अधिकार हमारा हे 
फिर क्यो हमें धुतकार हे  ! #shemale 

किन्नर/ shemale 

समाज़ में मेरा होना या न होना बराबर माना जाता है क्योंकि लोग सोचते हे की हम उस इस्वर का न्याय हे जो " हाय हाय " करना हमें उसने दिया  इस समाज ने और कुछ करने का अधिकर दिया ही नहीं एसा क्यो हे ... ?
 
" हमारा जन्म दुविद्या सा 
इस समाज के लिए हमारा

#shemale किन्नर/ shemale समाज़ में मेरा होना या न होना बराबर माना जाता है क्योंकि लोग सोचते हे की हम उस इस्वर का न्याय हे जो " हाय हाय " करना हमें उसने दिया इस समाज ने और कुछ करने का अधिकर दिया ही नहीं एसा क्यो हे ... ? " हमारा जन्म दुविद्या सा इस समाज के लिए हमारा