प्यार के गीत गाते रहो दो पल की अभिलाषा लिए आत्मा की परिभाषा लिए हाथ का साथ बढ़ाते रहो प्यार के गीत गाते रहो! सुख-दुख की परिपाटी में समान समरूप निभाना है प्यार का परिवेश से क्या अपनी अशर्फियाँ लुटाते रहो प्यार के गीत गाते रहो! जीव-निर्जीव का अंतर नहीं प्यार पवित्र एक पाट लिए स्नेह से स्नेहिल की ओर नेक टेक दुहराते रहो प्यार के गीत गाते रहो! प्यार सम्पन्न है इसकी राह है निराली भेद नहीं इस पथ कोई मीठा स्वर अपनाते रहो प्यार के गीत गाते रहो! Anjali jain #शैली धन्यवाद! कैसी हैं आप? सुप्रभात। प्यार के गीत गाते रहो,