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मुझे पता है मैं शायर हुँ इस जहां को खबर चाहे हो न

मुझे पता है मैं शायर हुँ इस जहां को खबर चाहे हो न हो 
उसकी आँखें देख लूं  फिर से वही नजर चाहे हो ना हो 
मंज़िल मिल जाए एक दिन सबर चाहे हो ना हो 
लम्बा सफर हो ज़िन्दगी का हमसफ़र चाहे हो ना हो #shayari
मुझे पता है मैं शायर हुँ इस जहां को खबर चाहे हो न हो 
उसकी आँखें देख लूं  फिर से वही नजर चाहे हो ना हो 
मंज़िल मिल जाए एक दिन सबर चाहे हो ना हो 
लम्बा सफर हो ज़िन्दगी का हमसफ़र चाहे हो ना हो #shayari