यूंही ना जलाया करो दीप मोहब्बत के यूंही ना गुनगुनाया करो गीत मोहब्बत के कितनी दफा मैंने खुद को बचाया है बुझने से क्यूंकि डरता है मेरा दिल शब-ए-फिराक से 💔 मोहब्बत#दीप