ख्वाहिश भी तो सिर्फ इतनी है मेरी कि तुम्हारी हर हसरत पुरी हो जाए । इल्तजा यह है मेरी तेरे खुदा से कि मेरे बिना तुम्हारी हर ख्वाहिश अधुरी हो जाए ।। Suman Zaniyan