सीने में आग जलाए रख उसमें सपनों को उलझाए रख शाम ढले सब घर आते है तू खुद को बाहर ही उलझाए रख थोड़े से सुकून कि आदत छोड़ बाहर रह कर पहाड़ों को भी डराए रख #आग #सपने #पहाड़ों