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हाँ मैंने उसे देखा है बिना आवाज़ के चिलाते हाँ उसक

हाँ मैंने उसे देखा है

बिना आवाज़ के चिलाते हाँ उसको मैंने देखा हैं,
बगैर पानी के भीगी उसकी आँखोंओं को मैंने उसके देखा है,

दफ़न करते अपनी ख्वाहिशओं को हाँ उसको मैंने देखा है,
बिना आग के जलते सपनोंओ को मैंने उसके देखा हैं,

कोशिशओं की नाकामियों को हाँ उसके मैंने देखा हैं,
अल्फाज़ को ख़ामोशी में सजाते मैंने उसको देखा हैं,

साथियों के साथ भी हाँ अकेला उसको मैंने देखा है,
और हाँ दर्द में भी मुस्कारते मैंने उसको देखा,

हर पल हारते-हारते जीतेते उसको मैंने देखा है|

©Pyaari Muskan #उसको #मैंने #देखा #है 

#Drown
हाँ मैंने उसे देखा है

बिना आवाज़ के चिलाते हाँ उसको मैंने देखा हैं,
बगैर पानी के भीगी उसकी आँखोंओं को मैंने उसके देखा है,

दफ़न करते अपनी ख्वाहिशओं को हाँ उसको मैंने देखा है,
बिना आग के जलते सपनोंओ को मैंने उसके देखा हैं,

कोशिशओं की नाकामियों को हाँ उसके मैंने देखा हैं,
अल्फाज़ को ख़ामोशी में सजाते मैंने उसको देखा हैं,

साथियों के साथ भी हाँ अकेला उसको मैंने देखा है,
और हाँ दर्द में भी मुस्कारते मैंने उसको देखा,

हर पल हारते-हारते जीतेते उसको मैंने देखा है|

©Pyaari Muskan #उसको #मैंने #देखा #है 

#Drown