इतनी औकात कहां से लाए जो माँ के बारे मै कुछ लिख पाए निश्चल प्रेम त्याग बलिदान की वो मूरत है ऐसे ही बिधता होगें जैसी मेरी माँ की सूरत है । -Alone_writer #mothers_day