हमारे मिलने की आस देखो उनसे, जो दांतो मे है उन्गलिया दबाये उनको याद कर-कर के हमने कितनी राते है जाग कर बिताये, अब ना मुमकिन से बितते लम्हो को देखो, उनके आस मे है कितने घुट-घुट बिताये कितनी तड़प है उनसे मिलने की ये कभी उनसे नहीं कह पाये! #Tadapan