दरिया है समंदर है नादां है जवानी, फिर क्यों नहीं समझता मन ग्रन्थ है कहानी। जिस चाल से चल रहा कट जायेगी ये जवानी, काटोगे आंसुओं के साये में अपनी जिन्दगानी।। हर मोड़ पर मिलेंगे रंगीन ये कहानी , दर्द हर कोई सुनायेगा अपनी ही जुवानी। खो न जाना तू इस हसीन वादियों में, गिर न जाना भावनाओं के खाइयों में।। दरिया है समंदर है नादां है जवानी, फिर क्यों नहीं समझता मन ग्रन्थ है कहानी ।। @Kundan ##मेरे #अल्फाज़।