सामाजिक विषयों पर मैंने कुछ भी कहना छोड़ दिया है, गूँगे-बहरों की बस्ती में किसको कितना फ़र्क पड़ा है। बस इसीलिए मैंने अपनी कलम तोड़ दी। ~ इकराश़ #YqBaba #YqDidi #शेर_ए_इकराश़ #इकराश़नामा