स्त्री के बारे में --------------- मुझे नहीं मालूम कि दुनिया उसे कैसे देखती है मेरा अपना निजी मत है कि स्त्री और पुरूष महज़ देह तो नहीं पुरुष प्राण है तो स्त्री प्राण का पोषण वह धात्री है ,धरती है, अग्नि है, शक्ति है क्योंकि जब भी आप उसको कुछ देते हैं तो वह देने वाले को कई गुना करके बापस लौटाती है प्रेम देकर देखो तो अपना सर्वस्व प्रेमी के नाम करदे क्रोध और तिरस्कार किया तो वह समूल नाश भी करदे देने का यह भाव ही उसे देवी के रूप में प्रतिष्ठित करता है सभ्यताओं के विलोपन,संस्कृतियों के संक्रमण ने बदला उसे वो केवल देह बनकर रह गई देह के इर्द गिर्द घूमती उसकी दुनिया इतिहास के अनुसार जब जब स्त्री को महज़ देह माना गया तब तब वह शोषण का शिकार हुई और अबला बनकर रह गई स्त्री के स्वरूप पुनः बापस लाने के लिए जब वह स्वयं संघर्ष करने पे आती है तब-तब दुनिया में बड़े बदलाव का कारण बनी आधुनिक नारी में झलक दिखती है। #जन्मदिनकोराकाग़ज़ #kkजन्मदिनमहाप्रतियोगिता #kkhbd2022 #kkजन्मदिन #kkजन्मदिन_4 #collabwithकोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़ #पाठकपुराण