दिलों में बेकरारी सी इधर भी है उधर भी है। न जाने क्यूँ खुमारी सी इधर भी है उधर भी है। नही है नींद रातों में न दिन में चैन ही मिलता । मुहब्बत की बिमारी सी इधर भी है उधर भी है। ©Gunjan Agarwal दिलों में बेकरारी सी...... #लव #Love #poetry #muktak