दादा-दादी, नाना-नानी इनकी छाँव बरगद वाली नानी की हम आँखों के तारे दादा दादी के हम राजदुलारे! अहा!बचपन में लोरी कभी कहानी प्यारी प्यारी सुनाती थीं दादी-नानी! पापा की डांट से डरकर दुबक जाते दादी की गोद में छुपकर ख़ुश हो जाते सारी शैतानियाँ हँसकर टाल जाते हैं दादा-दादी नाना-नानी प्यार लुटाते हैं पापा से गहरे दोस्त बन जाते हैं दद्दू मँगाओ पनीर पापा ले आते हैं कद्दू जो माँ पापा से कह नहीं पाते दादा दादी से झट से कह जाते दादा दादी, नाना नानी इनकी छाँव बरगद वाली नानी की हम आँख के तारे दादा दादी के हम राजदुलारे! बचपन में लोरी कभी कहानी प्यारी प्यारी सुनाती दादी नानी!