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एक स्याह रात.....पहाड़ो से झाँकता मद्धिम सा चाँद...

एक स्याह रात.....पहाड़ो से झाँकता मद्धिम सा चाँद....एक लाल कश्मीरी शॉल में हम तुम.....जलता अलाव.....मेरे काँधे पर तेरा सर....आंखे मूंदे.... उस भीगी रात को ख़ुद में जज़्ब करती हमारी ये आख़िरी मुलाक़ात..... ज़िन्दगी इसके बाद भी बदस्तुर चलती रहेगी....लाखों अनजान से मैं टकरूँगा.....हज़ारों से होगी तुम्हारी भी मुलाकातें.... लेक़िन ये लम्हा अटक जएगा.... दिल की किसी गहराई में उतर कर....बैठ जायेगा.... जम जएगा...और आहिस्ता आहिस्ता इस पर वक़्त की काई जम जयेगी..... वादा करोगी तुम की ताउम्र याद रखोगी मुझकों.... और बातों का सिलसिला कभी नहीं थमने दोगी.....ले आँखो में नमी अपने हमसफ़र का हाथ थाम चल दोगी....उसके साथ नए सपनों में रंग भरोगी.....मैं यूँ ही तुम्हारे रंग में रंगा....मलंग बना फिरूँगा....और मेरे संग बिताएं लम्हे...मेरा प्यार....सब एक दिन बेमानी हो जाएगा वास्ते तुम्हारे...अपना हर वादा भूल जाओगी.....तोड़ दोगी..... मेरे लिए हर एहसास तुम ख़ुद से बाहर फेंक दोगी.... क्योंकि वो मर चुके होंगे.....और अब तुमकों उनकी रत्ती मात्र भी ज़रूरत नहीं....इत्तफ़ाक़ से मैं जान चुका होऊँगा इस सच को.....क्योकि एहसासों की ही तो डोर बंधी थी हम दोनों में....तुम्हारे अंदर से फेंके गए वो मरे हुए एहसास मुझ तक तो आ ही जायेंगे.....और तुम अपनी उस रंगीन दुनिया में मशगूल....ये भूल चुकी होगी कि किसी की साँसे ही ले आयी थी तुम.....और मैं....फ़िर भी इस लम्हें को जी रहा होऊँगा.....तुम्हारे ही संग....ऐसे ही.....एक स्याह रात में(✍🏼 एहसासे सागर 29/7/19 10:54 A.M.) #akhirimulakaat
#story_by_me
एक स्याह रात.....पहाड़ो से झाँकता मद्धिम सा चाँद....एक लाल कश्मीरी शॉल में हम तुम.....जलता अलाव.....मेरे काँधे पर तेरा सर....आंखे मूंदे.... उस भीगी रात को ख़ुद में जज़्ब करती हमारी ये आख़िरी मुलाक़ात..... ज़िन्दगी इसके बाद भी बदस्तुर चलती रहेगी....लाखों अनजान से मैं टकरूँगा.....हज़ारों से होगी तुम्हारी भी मुलाकातें.... लेक़िन ये लम्हा अटक जएगा.... दिल की किसी गहराई में उतर कर....बैठ जायेगा.... जम जएगा...और आहिस्ता आहिस्ता इस पर वक़्त की काई जम जयेगी..... वादा करोगी तुम की ताउम्र याद रखोगी मुझकों.... और बातों का सिलसिला कभी नहीं थमने दोगी.....ले आँखो में नमी अपने हमसफ़र का हाथ थाम चल दोगी....उसके साथ नए सपनों में रंग भरोगी.....मैं यूँ ही तुम्हारे रंग में रंगा....मलंग बना फिरूँगा....और मेरे संग बिताएं लम्हे...मेरा प्यार....सब एक दिन बेमानी हो जाएगा वास्ते तुम्हारे...अपना हर वादा भूल जाओगी.....तोड़ दोगी..... मेरे लिए हर एहसास तुम ख़ुद से बाहर फेंक दोगी.... क्योंकि वो मर चुके होंगे.....और अब तुमकों उनकी रत्ती मात्र भी ज़रूरत नहीं....इत्तफ़ाक़ से मैं जान चुका होऊँगा इस सच को.....क्योकि एहसासों की ही तो डोर बंधी थी हम दोनों में....तुम्हारे अंदर से फेंके गए वो मरे हुए एहसास मुझ तक तो आ ही जायेंगे.....और तुम अपनी उस रंगीन दुनिया में मशगूल....ये भूल चुकी होगी कि किसी की साँसे ही ले आयी थी तुम.....और मैं....फ़िर भी इस लम्हें को जी रहा होऊँगा.....तुम्हारे ही संग....ऐसे ही.....एक स्याह रात में(✍🏼 एहसासे सागर 29/7/19 10:54 A.M.) #akhirimulakaat
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