घड़ी की सुई की तरह है, कभी ना रुकने वाली, कभी ना थकने वाली। बसंत की मौसम की तरह है, हर मौसम से थोड़ी घुली मीली। माँ ही है वो मीठे से भी मीठी वाली। ❤😘❤ -Sneha Mishra मीठे से भी मीठी माँ की बोली