तोड़कर मैं पुष्प तेरे अंग को सजादू चाँद को मैं घर बुलाकर डिबरियाँ बुझा दूँ तारों से कह दूं की तू अब टिम-टिमाना छोड़ दे आ जा मेरें आँगन में आसमां से नाता तोड़कर इश्कनामा