जलाते चलो ये दीये स्नेह भर-भर, कभी तो धरा का अंधेरा मिटेगा।। ।। द्वारिका प्रसाद।। अंतरतम का नेह निचोड़े, बुझी हुई बाती सुलगाएँ, आओ फिर से दीप जलाएं। ।।अटल जी।। दीपोत्सव दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।। #diwali #festival #bright #yqbaba #yqdidi #yqtales #yqquotes