हर रोज़ की तरह उनसे बातें अब नहीं होती, दूर रहकर भी जो साथ गुजरती थी वैसी रातें अब नहीं होती,, अब वो शक़्स नहीं उसका अक्स है रूबरू मेरे यूँ तो हर रोज़ मिलता हुँ उनसे पर मुलाकातें अब नहीं होती... मुलाकातें...