तूने मुझे जाते वक्त टोका भी नहीं, और तो और मुझे रोका भी नहीं। एक बार भी नहीं पूछा के क्यों जा रही हो? मुझे तुम इस तरह क्यों तड़पा रही हो? तुझे पता था कि ये गयी तो वापिस नहीं आएगी, जाने के बाद मेरी ज़िंदगी में तन्हाई ही रह जाएगी। जाने कैसी थी ये रुस्वाई, के अंत में तेरी अकड़ ही जीत पायी। और मैंने भी ठान ली, ये बात गाँठ बांध ली। के जाऊंगी ऐसी जगह जहाँ से वापिस आना मुमकिन नहीं, और तू पूरी ज़िंदगी अकेला ही रह जाएगा वहीं। Gud mrng