बीते दिनों के सदमों से, अपना आज दबा कर बैठे हैं, कुछ राज़ दबा कर बैठे हैं,अंदाज दबा कर बैठे हैं। जब दर्द बर्दाश्त नहीं होता,खामोश सी उफ्फ कर जाते हैं, छिपकर इश्क के कदमों से, आवाज़ दबा कर बैठे हैं ।। दिल से किसकी बेवफाई के, निशान नहीं जाने देते, देखने मंज़र उनकी तबाही के, अरमान नहीं जाने देते, हम खता कर बैठे थे, या फरामोश जनाब की फितरत थी, जानने को पल सच्चाई के, हम अपनी जान नहीं जाने देते।। थक प्यार मोहब्बत की रस्मों से, मिजाज दबा कर बैठे हैं, जो खाई थी उन कसमों से, उनकी लाज दबा कर बैठे हैं। जब दर्द बर्दाश्त नहीं होता, खामोश सी उफ्फ कर जाते हैं, लिख शायरी तड़प के कलमों से, आवाज़ दबा कर बैठे हैं।। #Love #shaayavita #Fake #fakelove #jhootha #pyaar #nojoto