जब पड़तीं हैं प्यासी धरा पर.... खिल उठता है समा, जैसे जन्नत उतर आयी हो धरती पर फ़सलें हैं लहलहा उठती, सबकी भूख मिटाने को.... अमृत बरसता है जब ज़मी पर एक बार कैप्शन अवश्य पढ़ें:- 🎀 प्रतियोगिता संख्या- 14 🎀 शीर्षक- "मेरा ये ज़ालिम दिल चांद को चूमने की ख्वाहिश रखता है" 🎀 समय सीमा- आज रात 12 बजे तक।