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आज बड़े दिनो के बाद रविन्द्र नाथ जी की एक पंक्ती य


आज बड़े दिनो के बाद रविन्द्र नाथ जी की एक पंक्ती याद आ रही हैं 

जहां मन हो #nirbhay  माथ हो उन्नात, हो नहीं रूढिया, रचती कोई मरुस्थल पाये ना सुख 
 (Ravindra Nath  Tagore )

      नमस्कार हैं मेरा उस माँ को उस स्त्री को ज़िन्होने अपनी नाम के तरह ही काम नहीं बल्की माँ के फर्ज के साथ साथ उन्होने पूरे देश की माहिलाओं के लिए एक नया सीख भी दिया हैं.......
         (Nirbhaya)

 #nirbhaya #law #india #indian #womenpower #women #insipiration   #girl

आज बड़े दिनो के बाद रविन्द्र नाथ जी की एक पंक्ती याद आ रही हैं 

जहां मन हो #nirbhay  माथ हो उन्नात, हो नहीं रूढिया, रचती कोई मरुस्थल पाये ना सुख 
 (Ravindra Nath  Tagore )

      नमस्कार हैं मेरा उस माँ को उस स्त्री को ज़िन्होने अपनी नाम के तरह ही काम नहीं बल्की माँ के फर्ज के साथ साथ उन्होने पूरे देश की माहिलाओं के लिए एक नया सीख भी दिया हैं.......
         (Nirbhaya)

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