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लिखता वहीं हूँ, जो ज़िन्दगी से सीखा है | सुबह सान्

लिखता वहीं हूँ, जो ज़िन्दगी से सीखा है |
सुबह सान्ध्य

अन्न के अनादर का अर्थ है।
जिस धरती अन्न उगी है उस धरती का अनादर,
उस धरती की रक्षा करने वाले जवानों का अनादर,
उस सुरक्षित धरती पर अन्न उगाने वाले किसान की मेहनत का अनादर,
उस किसान की मेहनत का सही दाम देकर,
उस अन्न को घर लेकर आने वाले पिता के पैसे का अनादर,
उस पैसे को मेहनत से कमाने वाले पिता के मेहनत का अनादर,
उस पिता के मेहनत से लाए हुए अन्न को प्यार से पकाने वाली माँ के प्यार का अनादर,

अन्न का अनादर सिर्फ अन्न का नहीं,आपके अपनों का भी अनादर है। #NojotoQuote अन्न का अनादर ना करें
#imissyoushipu
#Nojotokingamarmusic
#NojotoWestBengal
#NojotoHindi
लिखता वहीं हूँ, जो ज़िन्दगी से सीखा है |
सुबह सान्ध्य

अन्न के अनादर का अर्थ है।
जिस धरती अन्न उगी है उस धरती का अनादर,
उस धरती की रक्षा करने वाले जवानों का अनादर,
उस सुरक्षित धरती पर अन्न उगाने वाले किसान की मेहनत का अनादर,
उस किसान की मेहनत का सही दाम देकर,
उस अन्न को घर लेकर आने वाले पिता के पैसे का अनादर,
उस पैसे को मेहनत से कमाने वाले पिता के मेहनत का अनादर,
उस पिता के मेहनत से लाए हुए अन्न को प्यार से पकाने वाली माँ के प्यार का अनादर,

अन्न का अनादर सिर्फ अन्न का नहीं,आपके अपनों का भी अनादर है। #NojotoQuote अन्न का अनादर ना करें
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#NojotoHindi

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