मुसलसल चलती हुई ज़िंदगी में ये कैसा क़याम आया है ख़्वाबों में नहीं सोचा था जो, इस वबा ने वो दिन दिखलाया है क़याम :- ठहराव वबा :- महामारी Open for Collab 🔐 #fromurdukipathshala