अंदर है शोर...मगर बाहर सब खामोश हैं क्यों.. जला के दिल के अरमान सुबह शाम... सब परेशान हैं क्यों... जला दी बस्तियां दर बस्तियां..और जब घर अपना जल रहा तो..सब हैरान है क्यों... लगा के तोहमत बेग़ैरती का...चर्चा मेरा सरेआम कर दिया... जब बारी तुम्हारी आयी..तो बन रहे सब नादान क्यों #hindi