ऐ जि़न्दगी मुझे बक़्श दे मेरी रुह को समझे वो शख्स दे मैने कब कहा मुझे खुशिया दे मेरी बस मुहब्बत मे इश्क दे कुछ खास ख्वाहिश अब नही बस चन्द लम्हो की हसी तो दे जो चुना है रस्ता उसपे चल सकु बस इतनी सी तौफिक़ दे तुझे क्या मिला मुझे समझ नही चल आज तु भी जवाब तो दे ऐ ज़िन्दगी मुझे बक़्श दे मेरी रुह को समझे वो शख्स दे sana amaan inspired#by#sheikh#anam#shayri#